अलसाई सुबह हो और बेसुमार तेरी अंगड़ाई हो ठीक वैसे जैसे समंदर में बेसुमार लहरो का रेला हो मैं बस तुम्हें देखता रहूँ उन पलों को निगलता रहूँ ठीक वैसे ही जैसे जेठ में जली धरा पहली बारिश निगलती हो -राकेश तिवारी- #romance #romantic #romanticquotes #romantic_poetry #romanticshayari #ishqkikalamse #ishqwalalove #hindishayari