यूं तो हम उसे बचपन से ही सख्त बनाते हैं नाम उसे मर्द का दिया जाता उन्हें हक नहीं रोने का दर्द है तो छुपाना सिखाया जाता है नाम उसे मर्द का दिया जाता बचपन में ताने सुनाया जाता जवानी में जिम्मेदारी उठाता है नाम उसे मर्द का दिया जाता है उसे समझना इतना आसान नहीं समझ जाओ तो नरम बन जाता नाम उसे मर्द का दिया जाता ख्वाइशें वो हर एक की पूरी करता और खुद की भूल जाता नाम उसे मर्द का दिया जाता 🙏 #poem #instagram 😊🙏 मुसाफिर....