Nojoto: Largest Storytelling Platform

जिंदगी के इस मकान में बस कुछ जर्जर सी दिवारे है




जिंदगी के इस मकान में बस कुछ जर्जर सी दिवारे हैं ,
आखों ने कुछ सपने देखे थे अब तो बस वही हमारे हैं !

मन में ये दूरियां कैसी ,जैसे समंदर के दो किनारे हैं 
कभी जो दुख लगते थे पराए , अब तो बस वही सहारे हैं !

कुछ खुशियां रह गई धुंधली सी ,जैसे बस गमों की बहारे हैं 
थम सा गया हो वक्त जैसे , रह गए कुछ बंजर से नजारे हैं !

शहर में खो से गए हैं अपने , बस बीते लम्हों की कतारे हैं ,
आखों ने कुछ सपने देखे थे ,अब तो बस वही हमारे हैं !! 
                                                     
                                                        (C. J. )

©Chetan
  गावों में राह तकती कुछ धुंधली सी नजरे...
chetanjangid6533

Chetan

New Creator

गावों में राह तकती कुछ धुंधली सी नजरे... #कविता

57 Views