धीरे - धीरे चल नदी के तीरे - तीरे चल, ख्वाबों से भरा है ये जहाँ हर ख्वाब को यहीं दफन करता हुआ चल। धीरे - धीरे चल नदी के तीरे- तीरे चल, गिरने दे आसमा से बूंदे, बिखर जाने दे पलकों से नींदे धीरे - धीरे चल नदी के तीरे - तीरे चल, ख्वाबों से भरा है ये जहाँ हर ख्वाब को यहीं दफन करता हुआ चल। धीरे - धीरे चल नदी के तीरे- तीरे चल,