वो गलियां थी बिखरी, गूंजे शोर से जो कल तक! आज क्यों सन्नाटा सा ,पसरा जा रहा है!! है ये ही प्रकृति के साथ खिलवाड़ का नतीजा! बनके आज आइना जो, आने वाले कल का अक्श दिखा रहा है!! ankhir kyo aya corona ..