बेरंग सी जिंदगी में मुंतज़िर रंगीन नज़ारों का हूंँ, थकी सी राहों में मुसाफिर हसीन फिजाओं का हूंँ, खारज़ार सी राहों में , आरज़ -ए - चमन में हूंँ, आब - ए - चशम वहे , मैं शगुफ्ता लहर सा हूँ, ख्वाब मेरे रोज़ जर्रा - जर्रा कजा़ को लपेट रही , कुछ तो रब्त है मेरा खुशी तुमसे जो ना सिमट रही, तजस्सुस हूंँ आतिश -ए- हुस्न की एक झलक को, राह- रौ कि अब अपनी मंजिल के सुर्ख - रू हो, ले ले आगोश में ए खुदा करूं मैं तेरी बंदगी , मुकर्रर क्या है खुदा? क्या कुछ नए रंगों से भरी है जिंदगी। *🌸Any writer can write anything about "कुछ नए रंगों से भरी ज़िन्दगी" but remember the rule🌸* 👇RULES📜👇 👉 The word given above must come atleast once in your write-up. 👉Poem should be in maximum 20lines/200 words,*