लो आखिरी तिल्ली भी रगड़ गई, आखिरी पृष्ठ भी भर गई, जगह कहां है अब डायरी में! मिश्रा सारा टूट गया, लो यह भी हाथ से छूट गया। अब तरकस वह सजाना है, तीर नया पजाना है, बाईस में भेद लगाना है, आंख दिखाती ये मछली है, तैयारी अब भी छिछली है। जब कंटकाकीर्ण मार्ग सुभय होगा, तब जाकर ये अभय पुत रंजन होगा… #yearend #newyear #newyear2022quote #2022 #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi