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जब हर शाम चान्द निकलता है, तारों की बारात लिए धरती

जब हर शाम चान्द निकलता है,
तारों की बारात लिए धरती पर उतरता है ।
जब सुनसान होते हैं शहर, गाँव सारे,
लोग सब होते हैं निन्द के मारे ।
तब कहीं मिलों दूर सरहद पर कोई जागे रहता है,
शर्दी और गर्मी की जो परवाह नहीं करता है ।
अपना घर परिवार छोड़ कर है वो दूर बडी,
उसके सर पर देशप्रेम की जूनून है चढी ।
देशवासियों के खातिर किया खुद को अर्पण,
बिना कोई उम्मीद के, किया तन मन का समर्पण ।
कंधों पर जिम्मेदारी लिए
डटकर खडा है देश का रखवाला,
सिपाही है वो, और है बडा हिम्मतवाला ।
उसके वर्दी का मोल न कोई 
उसके त्याग का उधार चुकाएं कैसे,
बस उसको करते हैं नमन् हम,
अपने दिल की गहराईयों से । #समर्पण #अर्पण #सिपाही #YQdidi #yqbaba #yourquote #BoostThyself #Hindi #YoPoWriMo #Poem #poetry 

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जब हर शाम चान्द निकलता है,
तारों की बारात लिए धरती पर उतरता है ।
जब सुनसान होते हैं शहर, गाँव सारे,
लोग सब होते हैं निन्द के मारे ।
तब कहीं मिलों दूर सरहद पर कोई जागे रहता है,
शर्दी और गर्मी की जो परवाह नहीं करता है ।
अपना घर परिवार छोड़ कर है वो दूर बडी,
उसके सर पर देशप्रेम की जूनून है चढी ।
देशवासियों के खातिर किया खुद को अर्पण,
बिना कोई उम्मीद के, किया तन मन का समर्पण ।
कंधों पर जिम्मेदारी लिए
डटकर खडा है देश का रखवाला,
सिपाही है वो, और है बडा हिम्मतवाला ।
उसके वर्दी का मोल न कोई 
उसके त्याग का उधार चुकाएं कैसे,
बस उसको करते हैं नमन् हम,
अपने दिल की गहराईयों से । #समर्पण #अर्पण #सिपाही #YQdidi #yqbaba #yourquote #BoostThyself #Hindi #YoPoWriMo #Poem #poetry 

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