बदल जाता है इंसान रगं से, ढंग से,और नियत से कुछ ऐसा हो जाता है इंसान चंद नोटो को पाने के बाद गरीबो को समझ नहीं पाता अपनो से ज्यादा धुल मिल नही पाता खुद की हैसियत बताता हैं कुछ ऐसा हो जाता है इंसान चंद नोटो को पाने के बाद मां बाप को रूढिवादी बता कर अपना अलग घर बनाता है पैसे भेजता है बूढ़े मां बाप को पर एक दिन भी प्यार से बात नहीं कर सकता कुछ ऐसा हो जाता है इंसान चंद नोटो को पाने के बाद अपने बच्चों को श्रवण बेटा के किस्से सुनाता हैं करते हैं जो मां बाप अपने बच्चों के लिए वो बात बताता है पर खुद कया किया अपने मां बाप के साथ इस बात को बड़ी सरलता से छुपाता है वो कुछ ऐसा हो जाता है इंसान चंद नोटो को पाने के बाद बदल जाता है इंसान...