ख़ामोशी को समझना सीख लो, क्यूंकि डूबती किश्ती मैं कोई सबार नहीं होता लाख चाहो किसी को यू ही प्यार नहीं होता गिर जाते है जो पत्ते पतझड मैं फिर साबन आने का इन्तजार नहीं होता फीलिंग