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कह दो समंदर की लहरों से उड़ते हुए आसमां के परिदों

कह दो समंदर की लहरों से
उड़ते हुए आसमां के परिदों से
हिम्मत का आखिरी दांव खेला है
 दुःख- दर्द में जवानी गुजारी है
मुस्कुराते हुए अब बुढ़ापा गुजारना है।
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©Kandari.Ak
  #Radhe_Radhe♥️
kandariask9057

Kandari.Ak

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Radhe_Radhe♥️ #Shayari

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