ज़िन्दगी इम्तिहाँ हो गई, यहाँ हर पल सवाल होते हैं। चैन से रह नहीं पाते हम, यहाँ हर पल बबाल होते हैं। आजकल किसी लिए लोगों के, कहाँ बेहतर ख़याल होते हैं। जो दुखी होते हैं गैरों के सुख से, वो कहाँ खुशहाल होते हैं। ज़िन्दगी इम्तिहाँ हो गई, यहाँ हर पल सवाल होते हैं। चैन से रह नहीं पाते हम, यहाँ हर पल बबाल होते हैं। आजकल किसी लिए लोगों के, कहाँ बेहतर ख़याल होते हैं। जो दुखी होते हैं गैरों के सुख से, वो कहाँ खुशहाल होते हैं। #इम्तिहाँ #collab #yqdidi #अल्फ़ाज़_ए_साहिल #साहिल_का_प्यार