मैं भी यह चाहता हूं,कि कोई मुझे आम से खास बना दे। मैं भी अच्छा लिख सकता हूं,मुझमें ये अहसास जगा दे। लिखते हुई लड़खड़ाती मेरी कलम को,कोई सहारा दे दे। ना देता वक्त साथ मेरा,कोई वक्त को जवाब करारा दे दे। टूटे हौसले कदम बढ़ाने से पहले,कोई मुझे राह दिखा दे। मर मर जीता हूं,ज़िंदादिली से कोई मुझे जीना सिखा दे। मंजर धुंधला सा है,किस्मत में क्या है कोई इतना बता दें। भटक गया राह में,कोई मुझे मेरी मंजिल का पता बता दे। करता हूं बंदगी ईश की फिर भी नास्तिक के ठप्पे लगे है। निरपराध हूं,फिर भी मेरी ज़िन्दगी पर बड़े इल्जाम लगे है। JP lodhi 25Dec2020 ©J P Lodhi. #Sadman #Nojotowriters #poetryunplugged #Nojotohindi #Nojotonews #Poetry