जब मेरी जुबां ज़िक्र करे मेरे पीर का एक-एक अक्षर संवरने लगा फ़िर मेरी तक़दीर का लोग मांगते है हर वक़्त आज़ादी मगर इसकी रहमत से मुझे पसंद आयी ग़ुलामी मेरे मुर्शद की और शुकराना हुआ इसकी बक्शी हुई जागीर का ©Rahul Sethi #Love #लव #इश्क़ #ishq #Poetry #Nojoto #sufi #God