नज़रों में नीर भरे हुए दो नयन सजल से चले हुए क्यों गुमसुम इतनी बैठी हो नारी खुद मे क्यों सिमटी हो तुम आँचल क्यों फैलती हो सत्य से क्यों घबराती हो उठ कर के मुँह चला लो न अपना अस्त्तित्व बचा लो न क्यों गैरो की बातों मैं आना क्यों खुद से ही लज्जा खाना तुम वीर हो अतिधीर हो उठकर के ये बता दो ना नारी अपना अस्त्तित्व बचा लो ना तेरे अधिकारों का नारी कोई गलत हनन कर लेता है सब लोग यहां पर बुरे नही कुछ ऐसा साबित हो जाता है जो गलत करे उसको माफी ओर सच्चाई को फाँसी है ये कब तक ऐसा चलता है यूँ हाथों को बांधे बैठो न नारी अपना अस्त्तित्व बचा लो न नारी अपना स्वभिमान बचा लो न ©Himanshii chaturvedi #Lifelight #Nojoto #nomorerape #Woman