मोटिवेशनल भी कुछ काम नही आया..... चौतरफा अंधःकार है.... उमीद्दे दूर किनार है...... कालकोठली मे हर कोई कैद है सबेरा से कोई कहे दे.... वो सुरज अब भी हम से रुठा है.. ©ganesh suryavanshi #booklover