निगाहें निग़ाहें उनकी कातिल और शराब का मैखाना लगती हैं जब चल जाता है निग़ाहें तीर जिगर पर अकेले ज़िन्दगी जीना बड़ा दुस्वार लगता है ©Mahendr Kumar #shayari point #WForWriters