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मंज़िल कुछ भी नहीं है साहब ये वहम है अपना सोचो आप

मंज़िल कुछ भी नहीं है साहब 
ये वहम है अपना
सोचो आप कुछ भी 
लेकिन हकीकत यही है 
मिट्टी में है मिलना..

©Anu Verma vairagi #बे
मंज़िल कुछ भी नहीं है साहब 
ये वहम है अपना
सोचो आप कुछ भी 
लेकिन हकीकत यही है 
मिट्टी में है मिलना..

©Anu Verma vairagi #बे