Nojoto: Largest Storytelling Platform

Meri Diary #Vs❤❤ जिन अंदरि प्रीति पिरम की जिउ बोल

Meri Diary #Vs❤❤ 
जिन अंदरि प्रीति पिरम की जिउ बोलनि तिवै सोहंनि ॥
नानक हरि आपे जाणदा जिनि लाई प्रीति पिरंनि ॥2॥301॥
अर्थ: (मन चाहता है कि) आठों पहर लग जाएं (भाव, गुजर जाएं) (पर) मेरे हृदय और शरीर में प्यारे 
का प्यार (लगा रहे, भाव, ना खत्म हो) (क्योंकि) हे नानक! (जिस) मनुष्यों पर हरि (ऐसी) कृपा करता है वह सतिगुरु के (बख्शे हुए) सुख में (सदा) बसते हैं।1।
















पवित्र शहर अमृतसर की स्थापना करने वाले चौथे पातशाह 🙏🏵श्री गुरू रामदास जी🏵🙏 साहिब के प्रकाश पर्व की सभी संगतों को लाख लाख बधाईयाँ गुरू जी महाराज की दी हुई समाज सेवा और लोगों की भलाई के लिए खुद को समर्पित करने की सीख हम सबको हमेशा प्रेरणा देती है। धर्म एवं मानवता की सेवा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर देने वाले, सिखों के चौथे गुरु, श्रद्धेय श्री गुरु रामदास साहिब जी के प्रकाश परब पर उनके चरणों में नमन करता हूं..!
🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏
✍️Vibhor Vashishtha Vs  Meri Diary #Vs❤❤ 
जिन अंदरि प्रीति पिरम की जिउ बोलनि तिवै सोहंनि ॥
नानक हरि आपे जाणदा जिनि लाई प्रीति पिरंनि ॥2॥301॥
अर्थ: (मन चाहता है कि) आठों पहर लग जाएं (भाव, गुजर जाएं) (पर) मेरे हृदय और शरीर में प्यारे 
का प्यार (लगा रहे, भाव, ना खत्म हो) (क्योंकि) हे नानक! (जिस) मनुष्यों पर हरि (ऐसी) कृपा करता है वह सतिगुरु के (बख्शे हुए) सुख में (सदा) बसते हैं।1।
Meri Diary #Vs❤❤ 
जिन अंदरि प्रीति पिरम की जिउ बोलनि तिवै सोहंनि ॥
नानक हरि आपे जाणदा जिनि लाई प्रीति पिरंनि ॥2॥301॥
अर्थ: (मन चाहता है कि) आठों पहर लग जाएं (भाव, गुजर जाएं) (पर) मेरे हृदय और शरीर में प्यारे 
का प्यार (लगा रहे, भाव, ना खत्म हो) (क्योंकि) हे नानक! (जिस) मनुष्यों पर हरि (ऐसी) कृपा करता है वह सतिगुरु के (बख्शे हुए) सुख में (सदा) बसते हैं।1।
















पवित्र शहर अमृतसर की स्थापना करने वाले चौथे पातशाह 🙏🏵श्री गुरू रामदास जी🏵🙏 साहिब के प्रकाश पर्व की सभी संगतों को लाख लाख बधाईयाँ गुरू जी महाराज की दी हुई समाज सेवा और लोगों की भलाई के लिए खुद को समर्पित करने की सीख हम सबको हमेशा प्रेरणा देती है। धर्म एवं मानवता की सेवा के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर देने वाले, सिखों के चौथे गुरु, श्रद्धेय श्री गुरु रामदास साहिब जी के प्रकाश परब पर उनके चरणों में नमन करता हूं..!
🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏🏵🙏
✍️Vibhor Vashishtha Vs  Meri Diary #Vs❤❤ 
जिन अंदरि प्रीति पिरम की जिउ बोलनि तिवै सोहंनि ॥
नानक हरि आपे जाणदा जिनि लाई प्रीति पिरंनि ॥2॥301॥
अर्थ: (मन चाहता है कि) आठों पहर लग जाएं (भाव, गुजर जाएं) (पर) मेरे हृदय और शरीर में प्यारे 
का प्यार (लगा रहे, भाव, ना खत्म हो) (क्योंकि) हे नानक! (जिस) मनुष्यों पर हरि (ऐसी) कृपा करता है वह सतिगुरु के (बख्शे हुए) सुख में (सदा) बसते हैं।1।