"पिता" एक बाप के कंधे कभी बूढ़े नही होते , मैंने लाठी से मज़बूत पिता के कंधे देखे है, उम्मीदों का आसमान और अरमानो का बोझ उठाये , मेरे पिता के कंधे कभी नही झुके , चाहे कितनी भी चले वक्त की आंधियां, मेरे आँगन में खड़े बरगद और , मेरे घर को उठाये मेरे पिता की हौसलों की जड़े कभी नही उखड़ी , न जाने कौन सा वरदान लेके आते है पिता , उनके कंधें कभी झुकते नही , उनके पैर कभी रुकते नही , उनकी तारीफ के काबिल , कोई शब्द नही पाता मैं । ✍ राजेश "राणा" पिता #father #FathersDay #पिता