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उसके आ जाने की उम्मीदें लिए, रास्ता मुड़-मुड़ के ह

उसके आ जाने की उम्मीदें लिए,
रास्ता मुड़-मुड़ के हम तकते रहे,

वक़्त तो गुज़रा मगर कुछ इस तरह,
हम चराग़ों की तरह जलते रहे,

कितने चेहरे थे हमारे आस-पास,
तुम ही तुम दिल में मगर बसते रहे.
उसके आ जाने की उम्मीदें लिए,
रास्ता मुड़-मुड़ के हम तकते रहे,

वक़्त तो गुज़रा मगर कुछ इस तरह,
हम चराग़ों की तरह जलते रहे,

कितने चेहरे थे हमारे आस-पास,
तुम ही तुम दिल में मगर बसते रहे.