उसके आ जाने की उम्मीदें लिए, रास्ता मुड़-मुड़ के हम तकते रहे, वक़्त तो गुज़रा मगर कुछ इस तरह, हम चराग़ों की तरह जलते रहे, कितने चेहरे थे हमारे आस-पास, तुम ही तुम दिल में मगर बसते रहे.