कुल के आंगन का सबसे पुराना शज़र गिर गया, अंजाम पर ज़िंदगी का फ़साना आज़ बिखर गया। जिसकी शीतल छाव में गुजरा था बचपन हमारा, वो कालचक्र के चलते रथ से थक कर उतर गया। जिनकी परछाइयों से ही घर रौशन हुआ करता था, वो जलता हुआ दिया आज़ टाँड़ पर से गिर गया। ईश्वर का बनाया विधान है जो आया है वो जाएगा, सलीका सिखाकर जीने का कोई अपना गुज़र गया। मेरे नाना जी को समर्पित 🙏🏻 #yqdidi #yqbaba #कोराकाग़ज़ #hkkhindipoetry #ग़ज़ल #नानाजी #आशुतोष_अंजान #collabwithकोराकाग़ज़