सुनने-सुनाने को बहुत कुछ है, बाते बताने को बहुत कुछ है, बाहें फैलाये खड़ा हूँ ज़िन्दगी मुझे आजमाने को बहुत कुछ है तू देख अपनी तेरा क्या होगा रस्मों रिवाजों के आगे बहुत कुछ है कहीं मंदिर,कहीं मस्जिद,गुरुद्वारा और चर्च आकर देख मेरे यहाँ सर झुकाने को बहुत कुछ है. -YASHVARDHAN #बहुत_कुछ_है 💞