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ढ़ाई अक्क्षर प्रेम के

ढ़ाई अक्क्षर प्रेम के
                                   -जूही सिंह
इंसान एक दूसरे के खून का प्यासा न हो जाता,
जो वो इंसानियत छोड़ दरिंदा न बन जाता 
जो वो अगर ढ़ाई अक्क्षर प्रेम के बोल जाता ।

इंसान एक दूसरे को ही ना नोच खा जाता ,
जो वो मानव प्रेम  भूल दौलत का भूखा न बन जाता ।
जो वो अगर ढ़ाई अक्क्षर प्रेम के बोल जाता। 

इंसान , इंसान को ही शर्मसार न कर जाता,
जो वो इंसान की आबरू ढ़कना भूल बेमुरव्वत न हो जाता।
जो वो अगर ढ़ाई अक्क्षर प्रेम के बोल जाता jo vo agar dhaai Akshar Prem ke bol jata #humanity #beinghuman #love #life #me
ढ़ाई अक्क्षर प्रेम के
                                   -जूही सिंह
इंसान एक दूसरे के खून का प्यासा न हो जाता,
जो वो इंसानियत छोड़ दरिंदा न बन जाता 
जो वो अगर ढ़ाई अक्क्षर प्रेम के बोल जाता ।

इंसान एक दूसरे को ही ना नोच खा जाता ,
जो वो मानव प्रेम  भूल दौलत का भूखा न बन जाता ।
जो वो अगर ढ़ाई अक्क्षर प्रेम के बोल जाता। 

इंसान , इंसान को ही शर्मसार न कर जाता,
जो वो इंसान की आबरू ढ़कना भूल बेमुरव्वत न हो जाता।
जो वो अगर ढ़ाई अक्क्षर प्रेम के बोल जाता jo vo agar dhaai Akshar Prem ke bol jata #humanity #beinghuman #love #life #me
juhisingh1368

juhi singh

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