अकेले चलना सीखो, रास्तें बहुत लम्बे हो तो, दो पल रुकना सिखो | अज़नबी बन चलना सिखो, पर दो पल अपनों के संग रुकना सिखो | उड़ जाना बहुत दूर, मुसाफिर बहुत लम्बे सफर की हो तुम.. पर, पल भर रुकना सिखो.. कोई खो ना जाये, तेरे जाने से.. बस उसका खयाल रखना सिखो... अज़नबी तू अज़नबी बन चलना सिखो, पर अपनों से अज़नबी मत बन जाना... इस बात पे गौर करना सिखो | -अज़नबी किताब अकेले चलना सिखो..