रोते ना कभी वो कोने में, अगर लकड़ी की जगह सहारा तू होता, बस आखरी ख्वाहिश उसकी हे यही, की तेरी शादी के बाद भी लड़का अपना होता, चंद सांसे ही तो उनकी बाकी हे, अगर थोड़ा जूठा प्यार तू दिखा देता, घर आकर पूछता मां - बाबा कैसे हो, इतने में उनको सुकून मिल जाता, नही चाहिए इन्हें आपकी दौलत और पैसा, अगर तू थोड़े प्यार के लफ्ज़ इस्तेमाल कर लेता, तुजसे ज्यादा उन्होंने तुम्हे पाला है, थोड़े बचपन के लम्हें तो याद कर लेता, लिखते हुऐ भी मेरे हाथ कापते हे माही, तू ये सब कैसे हे कर लेता, तू रोता तो क्या कुछ नहीं किया हंसाने को, तू अब आखरी सांस में भी ठीक से जीने नही देता, अच्छा होता अगर लकड़ी की जगह तू सहारा होता। ©Mahendrasinh(Mahi) मां - बाबा के लिए insta - @mahishayar226 Follow for daily new post #माही #momdad