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कभी याद बन के मिला करो, कभी ख़्वाब बन के मिला करो

कभी  याद बन के मिला करो,
कभी ख़्वाब बन के मिला करो,,
जो जहन ओ दिल में लाए सुकून,
वो खयाल बन के मिला करो।

वही मस्तियां, वही शोखियां,
वही सहमे लबों की खामोशियां,,
मैं जवाब हूं अरमानों का,
तुम सवाल बन के मिला करो....
तुम सवाल बन के मिला करो....

©कस्तूरी #Hum 
@प्रशांत की डायरी

#Hum @प्रशांत की डायरी

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