आखिर कब तक स्त्रियां पुरुषों का अत्याचार सहेंगी। कभी निर्भया, कभी प्रियंका, कभी मनिषा, कभी राबिया, हर रोज एक नया हादसा आखिर कब तक ये मासूम दरिंदों का शिकार बनेंगी। नित बढ़ रही जो स्त्रियों पर जुल्मों की फेहरिस्त कब इस पर विराम लगेगी। बेख़ौफ़, आजाद जी सकेंगी पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिला वे भी शान से चल सकेंगी। ©Nilam Agarwalla #justiceforrabia