प्रेम की परिभाषा सबके लिए भिन्न क्यों? प्रेम तो ईश्वर का स्वरूप है, जब ईश्वर एक है सबके लिए तो प्रेम कैसे अलग हो सकता है? ©Swechha S प्रेम की परिभाषा सबके लिए भिन्न क्यों? #14Janaury #Prem #Love