""एक रचना प्यारी मां ले हवाले"" तेरे हाथों की रोटियां नहीं बिकती मां! आलीशान होटलो में नहीं मिलती मां!! तूने सिखाया मुझको चलना! दुनियां के ही माफिक ढ़लना! साथ बखी न तुमने छोड़ा! साये के जैसे रिश्ता जोड़ा!! हर मोड़ पर तू खड़ी दिखती मां!१ तेरे हाथों की रोटियां नहीं बिकती मां!! तेरी ममता है मां पावन! तेरी बोली है मनभावन! बच्चा बनकर खेल दिखाया! किस्से कहानी खूब सुनाया!! मेरी खुशी में खुश तू दिखती मां!२ तेरे हाथों की रोटियां नहीं बिकती मां!! अविनाश मिश्र अंजान #मां