अक्सर ही सफर में मै खुद को भूल जाता हूँ आज भी तेरा खयाल मुझ पर इस कदर हावी है तुझे मैने कभी गैर नही माना तेरी आँखों का दीदार मै करता रहा हूँ मै खुश भी रहता हूँ तेरे बगैर मगर तेरी याद मे आहें भी भरता रहा हूँ उम्मीद है तुम्हारा भी अंदाज़ नही बदला होगा मेरी तरह तुमने भी मेरे नाम का सजदा किया होगा हर वक़्त मुझे तुम खयाल करो अब ये मुमकिन नहीं शायद मगर यकीन है कभी कभी तुमने भी मुझे याद किया होगा ©Suraj Kushwaha Veer इश्क़ में