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हम इख्तियार रखतें हैं। तेरे गलिचे के मुसाफिर है, व

हम इख्तियार रखतें हैं।
तेरे गलिचे के मुसाफिर है, वका़र रखतें हैं।।
तेरी बनाईं हुई अजीब दुनिया है, यहां आदमी आदमी का नहीं पुरसेहाल रखतें हैं। तुम्हारी सब शिकायतें अपनी जगह,
मगर ये सच नहीं।
#येसचनहीं #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
हम इख्तियार रखतें हैं।
तेरे गलिचे के मुसाफिर है, वका़र रखतें हैं।।
तेरी बनाईं हुई अजीब दुनिया है, यहां आदमी आदमी का नहीं पुरसेहाल रखतें हैं। तुम्हारी सब शिकायतें अपनी जगह,
मगर ये सच नहीं।
#येसचनहीं #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
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