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विकास के आगे घुटने टेकता जीवन सारी नीतियां पलायनव

विकास के आगे घुटने टेकता जीवन

सारी नीतियां पलायनवादी हैं।
कोई भी जिम्मेदारी उठाने की
क्षमता एवं मानसिकता इनमें नहीं है।
तब कौन बचाएगा कृषि और पशुधन?
कौन बचाएगा धरती?
तब कैसे बच पाएंगे किसान और गांव?
प्रकृति से छिटक जाएगा इंसान।
कलियुग के बाद प्रलय की
पूर्ण तैयारी हो रही है। 22-12- 2018
विकास के आगे घुटने टेकता जीवन
#विज्ञान_का_ताण्डव आज हमको #covid_19_march_22_at_8_am_to_9_pm के रूप में देखने को मिला ।
गुलाब कोठारी जी की हमने तब भी नही सुनी थी ।
:
एक तरफ भारतीय खाद्य सामग्री का स्थान तेजी से पाश्चात्य सामग्री लेती जा रही है,
वहीं कोई भी खाद्य सामग्री ऐसी नहीं बची,
जो कीटनाशक के प्रभाव से अछूती बची हो।
विकास के आगे घुटने टेकता जीवन

सारी नीतियां पलायनवादी हैं।
कोई भी जिम्मेदारी उठाने की
क्षमता एवं मानसिकता इनमें नहीं है।
तब कौन बचाएगा कृषि और पशुधन?
कौन बचाएगा धरती?
तब कैसे बच पाएंगे किसान और गांव?
प्रकृति से छिटक जाएगा इंसान।
कलियुग के बाद प्रलय की
पूर्ण तैयारी हो रही है। 22-12- 2018
विकास के आगे घुटने टेकता जीवन
#विज्ञान_का_ताण्डव आज हमको #covid_19_march_22_at_8_am_to_9_pm के रूप में देखने को मिला ।
गुलाब कोठारी जी की हमने तब भी नही सुनी थी ।
:
एक तरफ भारतीय खाद्य सामग्री का स्थान तेजी से पाश्चात्य सामग्री लेती जा रही है,
वहीं कोई भी खाद्य सामग्री ऐसी नहीं बची,
जो कीटनाशक के प्रभाव से अछूती बची हो।