ज़िंदगी दिसंबर सी ज़िन्दगी मेरी दिसंबर सी कुछ ठंड कुछ गर्मी सी ज़ज़्बातों का साया दोपहर की धूप सी उसपे तेरी याद भीनी-भीनी सुबह सी कुछ रिश्ते मिले ज़िन्दगी में कुछ बिछड़ भी गए स्वाद कुछ नीम सा कुछ में गज़क की मिठास सी तन्हाई का साया कोहरे में घिरी रात सी तेरी याद गर्म रजाई सी हो जाए तुमसे मुलाकात रास्ते मे कभी दिलो में गर्माहट मूगफली सी मोहब्बत का चेहरा मिलाया था सूरज से आँखों को शीतल मिली दिल मे हलचल सी महीना आखरी साल का शायद गमो की भी #December#ZindagiDecembersi#day06