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पल्लव की डायरी उत्साह की तरंग जब हिचकोले लेती है म

पल्लव की डायरी
उत्साह की तरंग जब हिचकोले लेती है
मुरादे मन की खुशियों के रंग लेती है
सीमाये तब टूटती जाति पाती की
बन्धन उम्रों का नही रहता है
त्योहार होली का अश्लील और उदण्डता भर नही
प्रेम प्रीत के रंगों में खुशियो का मिलन होता है
एक दुसरो के दिलो में झांकने का
अवसर सबको होता है
हमारे हर त्योहारो में मेल जोल बढ़ाने का 
संदेश छिपा रहता है
                                  प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव"
  #Holi उत्साह की तरंग जब हिचकोले लेती है
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