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चाँद खोया रहा रात भर, चाँदनी भी गुमसुम रही। जिस

 चाँद खोया रहा रात भर, चाँदनी भी गुमसुम रही। 

जिसकी यादों में जगा हूँ मैं वो धड़कन तुम हो बनी।  #shamaurtanhai #234 #anam #365days365quotes स्त्री मन वहीं शीतलता अनुभव कर पाता, जहाँ उसे प्रेम से अधिक विश्वास की प्राप्ति हो गयी हो। विश्वस्त सहचर के साथ उसका मन सदा तरल होता है। स्त्री प्रेमिका, भार्या के साथ रक्षिता भी होती है। उसमें तिनके को ढाल और नेत्रों को अंगार बना कर भस्म कर देने की शक्ति होने के बाद भी वह अपने साथी से इन तीनों रूपों में स्वस्ति चाहती है। और अंतिम! सभी पुरुष शरीर लोलुप नहीं होते, पर अधिकांश होते हैं। हाँ, कुछ पुरुष हृदयाकांक्षी होते हैं। पर भीत और छली गयी स्त्री उन्हें पहचानने में भ्रांत हो सकती है।
 चाँद खोया रहा रात भर, चाँदनी भी गुमसुम रही। 

जिसकी यादों में जगा हूँ मैं वो धड़कन तुम हो बनी।  #shamaurtanhai #234 #anam #365days365quotes स्त्री मन वहीं शीतलता अनुभव कर पाता, जहाँ उसे प्रेम से अधिक विश्वास की प्राप्ति हो गयी हो। विश्वस्त सहचर के साथ उसका मन सदा तरल होता है। स्त्री प्रेमिका, भार्या के साथ रक्षिता भी होती है। उसमें तिनके को ढाल और नेत्रों को अंगार बना कर भस्म कर देने की शक्ति होने के बाद भी वह अपने साथी से इन तीनों रूपों में स्वस्ति चाहती है। और अंतिम! सभी पुरुष शरीर लोलुप नहीं होते, पर अधिकांश होते हैं। हाँ, कुछ पुरुष हृदयाकांक्षी होते हैं। पर भीत और छली गयी स्त्री उन्हें पहचानने में भ्रांत हो सकती है।