ज़िन्दगी इतनी जी लिया हूँ कि खुद के खिलाफ़ साज़िश कर बैठा हूँ, कोई न मिला हार और जीत के लिए तो ख़ुद पर ही वार किये बैठा हूँ, न बना किसी के हाथों की कठपुतली तो ख़ुद के हाथों की ही कठपुतली बन बैठा हूँ, फिर भी न मिला कोई तार-तार करने के लिए अब तो देख लो "हिमांश" मैं ख़ुद को तार-तार किये बैठा हूँ॥ (एक जीवन ऐसा भी) ©Himanshu Tomar #जीवन #ज़िन्दगी #सार #ख़ुद #ख़ुदा #दुश्मनी #peace