हाथों की लकीरे ही बुढ़ापे में चेहरे की सलवटे बनती है, इस उम्र में हमसफ़र के बगैर करवट ही नींद बनती है। @marham"kalam" ©Isolated poetry, हिंदी,उर्दू लफ्ज