बिन तुम्हारे हम किधर जाएँगे ग़र हाथ रख दो दिल पर तो हम मर जाएँगे आफरीन तुम, ग़र हो आग़ोश में तुम इन्तेहा तेरे इश्क़ में हम कर जाएँगे कशिश तेरा चेहरा, नूरानी तुम इश्क़ से दामन तेरा हम भर जाएँगे खौफ-ए-क़ज़ा न तेरे इश्क़ में मौत से भी हम अब लड़ जाएँगे.... ©Anuj Subrat बिन तुम्हारे हम किधर जाएँगे