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यदा बहिः वातावरणं क्षोभं प्राप्नोति तदा अन्तः मौनस

यदा बहिः वातावरणं क्षोभं प्राप्नोति तदा अन्तः मौनस्य कामना कियत् दूरं सम्यक् भवति ?

जब बाहर का माहौल ही उथल पुथल हो तो अंदर खामोशी कि कमना करना कहां तक सही है  ?

©खाMosh
  #खाmosh 
#walkingalone
sonurajput3983

Khamosh

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