"ख्वाहिशें मेरी कुछ यूँ भी अधूरी रही , पूरी जिन्दगी न जाने क्या मैं चाहती रही। पहले उम्र नही थी , अब उम्र नही रही। कुछ ना-तमाम ख्वाहिशों को मैं पालती रही..!!" #नातमाम (ना - तमाम = अपूर्ण, incomplete, imperfect ) #ख़्वाहिशें #उर्दूशायरी #कोराकागज़ #उर्दूपाठशाला #suchitapandey "ख्वाहिशें मेरी कुछ यूँ भी अधूरी रही , पूरी जिन्दगी न जाने क्या मैं चाहती रही। पहले उम्र नही थी , अब उम्र नही रही। कुछ ना-तमाम ख्वाहिशों को मैं पालती रही..!!" #सुचितापाण्डेय