सुना है अमृत बरसता है शरद पूर्णिमा की रात को क्यों ना हम खुले आसमान के नीचे बैठकर अपना प्रेम अमर कर दें... #शरद_पूर्णिमा #शायरी #नोजोतोसाहित्य