हारने की आदत सी हो गयी है, न जाने क्यूँ ये जिंदगी क़यामत सी हो गयी है। पता है किधर जाना है मुझे, ये जान कर भी गलत राह पर चलने की आदत सी हो गयी है। ऐसा लगता है की हार चूका हूँ मै सब कुछ, फिर भी मुकद्दर को बदलने की चाहत सी हो गयी है।। Harsh.. //diksha// anjan rahi Khan Perfect