ये जमाना है साहब सोच-समझ के चलना पड़ता है, कौन,कब,कहां धोखा दे जाये इसलिए संभल के चलना पड़ता है, कोई नहीं पूछता तुम्हारी नाराजगी की वजह,तभी तो हंस के चलना पड़ता है। #zamaana