काश वफ़ा का गर होता कोई पैमाना तो गलियां इश्क की यूँ बदनाम न होती न पड़ता समां को यूँ जलकर पिघलना न परवाने को यूँ जलकर मिटने की चाहत होती nojoto Maya 'shayari # wapha