blak and white.... दिल किसी के लिये रोता था, उसके लिये मै क्यो चुप रहता था, ना जाने कैसा क्या होगया दिल तो मेरा समाये थे, उसने दिल दे चुके थे, अब ना जाने क्या हास्र होगा मजबुरी ने हद कर दी, मन की गाथा गाॅ ली' मन अब मिलने को तरस्ते थे बैचेनी लम्हो ने जुदायी का रास्ते दिखा दी एक तरफ ऑखियाॅ रोवे, एक तरफ दिल मे जो दर्द होती है! ©Nikhileshwar Kasdeka diwane ko kay kahate h na mile to kay kahte h .....