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چاند سا چہرہ "उठा पलकों को जिस ने दिन उगाया था फ़ल

چاند سا چہرہ "उठा पलकों को जिस ने दिन उगाया था फ़लक पर,
 उसी  की  ज़ुल्फ़  का  रातों   पे  साया  हो  गया  है,
नज़र  का  एक  टुकड़ा  छत  पे  फेंका  है  किसी ने,
जिसे   पढ़ने  में   पूरा   चाँद   ज़ाया  हो  गया  है...!" ❤️

(R.K)

©Ram G Kashyap #chandsachehra
چاند سا چہرہ "उठा पलकों को जिस ने दिन उगाया था फ़लक पर,
 उसी  की  ज़ुल्फ़  का  रातों   पे  साया  हो  गया  है,
नज़र  का  एक  टुकड़ा  छत  पे  फेंका  है  किसी ने,
जिसे   पढ़ने  में   पूरा   चाँद   ज़ाया  हो  गया  है...!" ❤️

(R.K)

©Ram G Kashyap #chandsachehra