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चलो सुनाएं एक छोटी सी कहानी, दूर देश में रहती थी क

चलो सुनाएं एक छोटी सी कहानी,
दूर देश में रहती थी कुछ पारियों कि रानी,
तुमको ये खास संदेश सुनाते है,
चलो चल के सब को मिलाते है।

दूर देश से एक सरिता निकली,
सुंदर सुप्रीत सुप्रिया सुनाने,
सुबह सुबह जब अरुनिका सी लालिमा चमकी,
उषा कि किरन खुल कर अनामिका पर दमकी,
निशि की रेखा शालिनी हो कर सवेरा हुआ,
अर्पणा सर्वस्व कर करें ईश अर्चना की है दुआ,
मिलजुल कर सुमन सज्जित मनाए जयंती,
एकता के सूत्र में निखार आए अपनी प्रीति,
स्त्री एक ऐसा करिश्मा है कुदरत का,
जिसका खुदा ने भी गाया है नगमा,
सोनी पथ पर है शैलपुत्री शैलजा का वास,
साधारण सिम्पल मन में है जिसकी प्रज्ञा निवास,
ममता है जिसकी निगाह में उसकी जया है,
महंगे रीना का मिटा है कहां कभी मोल आया है,
मनीषा देवी बुद्धि से अब आसिया कि पुकार,
शिरीशा की है अंकिता है अणु को होता है बौछार,
है जिसकी शब वहीं तो है शबाना में भरी कागज़,
और खाकी रंग से मिलकर बन गई मनीला,
इन सब देवियों को है नमन शत शत बार,
सिखाता है इन इनके आगे झुकना मेरा परिवार। चलो सुनाएं एक छोटी सी कहानी,
दूर देश में रहती थी कुछ पारियों कि रानी,
तुमको ये खास संदेश सुनाते है,
चलो चल के सब को मिलाते है।

दूर देश से एक सरिता निकली,
सुंदर सुप्रीत सुप्रिया सुनाने,
सुबह सुबह जब अरुनिका सी लालिमा चमकी,
चलो सुनाएं एक छोटी सी कहानी,
दूर देश में रहती थी कुछ पारियों कि रानी,
तुमको ये खास संदेश सुनाते है,
चलो चल के सब को मिलाते है।

दूर देश से एक सरिता निकली,
सुंदर सुप्रीत सुप्रिया सुनाने,
सुबह सुबह जब अरुनिका सी लालिमा चमकी,
उषा कि किरन खुल कर अनामिका पर दमकी,
निशि की रेखा शालिनी हो कर सवेरा हुआ,
अर्पणा सर्वस्व कर करें ईश अर्चना की है दुआ,
मिलजुल कर सुमन सज्जित मनाए जयंती,
एकता के सूत्र में निखार आए अपनी प्रीति,
स्त्री एक ऐसा करिश्मा है कुदरत का,
जिसका खुदा ने भी गाया है नगमा,
सोनी पथ पर है शैलपुत्री शैलजा का वास,
साधारण सिम्पल मन में है जिसकी प्रज्ञा निवास,
ममता है जिसकी निगाह में उसकी जया है,
महंगे रीना का मिटा है कहां कभी मोल आया है,
मनीषा देवी बुद्धि से अब आसिया कि पुकार,
शिरीशा की है अंकिता है अणु को होता है बौछार,
है जिसकी शब वहीं तो है शबाना में भरी कागज़,
और खाकी रंग से मिलकर बन गई मनीला,
इन सब देवियों को है नमन शत शत बार,
सिखाता है इन इनके आगे झुकना मेरा परिवार। चलो सुनाएं एक छोटी सी कहानी,
दूर देश में रहती थी कुछ पारियों कि रानी,
तुमको ये खास संदेश सुनाते है,
चलो चल के सब को मिलाते है।

दूर देश से एक सरिता निकली,
सुंदर सुप्रीत सुप्रिया सुनाने,
सुबह सुबह जब अरुनिका सी लालिमा चमकी,
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