जिसकाे समझा उसने अपना रहनुमां, निकला उसका ही चेहरा बदनुमां । मासुम सी थी वाे कलियाँ, किस्मत ने छिनी थी जिनकी गलियाँ । वाे भुखे भेड़ियें वाै नर पिशाच, सुनी नहीं उनकी तड़प और फरियाद, तार-तार कर दिया उनका दामन फिर भी बैठें है ठसक में छिन के उन कलियाें का बचपन। #yqbaba#yqdada#yqdidi#yqchellange#yqtable#yqhindi